Mashhoor│मशहूर │Hindi Poetry │Neeraj Pahuja
- pahujaneeraj
- Nov 22, 2020
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मशहूर मैं खुद तो नहीं
मसहूर मेरी बातें हैं
लफ्ज़ मेरे बोले हैं सबकुछ
जब कागज़ पर आते हैं
मशहूर मेरा चेहरा तो नहीं
मशहूर वो तस्वीरें हैं
जिनमें मैं कुछ गुम रहता हूं
माथे पर लकीरे हैं
मशहूर मेरा काम नहीं
मशहूर मेरी हर शाम है
ठंडी हवा और गीत अरिजीत
चढ़ता यही इक जाम है
मशहूर मेरी ज़िन्दगी नहीं
मशहूर मेरी कहानी है
पूरी दुनिया जाने ना
एक दुनिया है जो दीवानी है
मशहूर कहीं पर भोलापन
मशहूर कहीं पर गुस्सा है
बर्ताव मेरा तुम आईना समझो
जो सामने है, वो उसका है ।
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